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अनुसंधान

विभाग

IIT मद्रास -आंकड़ों में

2,105

स्नातक छात्र

4,112

स्नातकोत्तर छात्र

746

एमएस अनुसंधान विद्वानों

2,963

पीएचडी अनुसंधान विद्वानों

591

फैकल्टी

677

स्टॉफ

146

पेटेंट

829

परियोजनाओं

निदेशक का संदेश

शुभकामनाएँ !

अत्यंत हर्ष के साथ मैं इस प्रतिष्ठित संस्थान के निदेशक के पद पर यह लिख रहा हूँ । राष्ट्रीय महत्व के इस प्रतिष्ठित संस्थान को साल दर साल रेंकिंग स्केल में सबसे ऊपर रखने के लिए मैं आईआईटी मद्रास के सभी संकाय सदस्यों, छात्रों और कर्मचारियों को दिन प्रतिदिन, उनके निरंतर प्रयासों के लिए धन्यवाद देता हूँ ।

गुणवत्ता शिक्षा सुनिश्चित करने में एक शैक्षिक संस्थान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और आईआईटी मद्रास जो पहले से ही एक विश्व स्तरीय संस्थान है, अब सुनिश्चित करेगा कि यह वैश्विक दुनिया में संस्कृतियों, राष्ट्रीयताओं और व्यक्तित्वों के अनेकत्व का जश्न मनाकर, समावेशिता की भावना का संचार करें । हम अपने संस्थान को नवाचार, उद्यमशीलता और मनोभाव की गतिशीलता के लोकाचार को प्रतिबिंबित करने की कल्पना करते हैं । प्रत्येक आईआईटी वासी को वास्तविक दुनिया की समस्याओं के समाधानों के लिए निरंतर/अनवरत खोज को विकसित करना चाहिए । इस प्रकार जिस समाज में हम रहते हैं उसमें योगदान दें और अपने देश को वास्तव में “आत्मनिर्भर” बनने में मदद करें। मैं परिकल्पना करता हूँ कि हमारे संस्थान के बाहर भी आईआईटी मद्रास के अस्तित्व का पहचान हो जिससे हम अपने दृढ़ निश्चित प्रयासों के साथ हमारे प्रमुख/अग्रणी नवोन्मेष से अपने देश के हर कोने एवं विश्व को रहने का बेहतर स्थान बनाने में समाज निर्माण में अंतर लाने के अपने लक्ष्य के बारे में स्पष्ट रूप से महसूस कर सकें ।

उद्योग को हमारे द्वारा किए जाने वाले प्रभाव की ओर ध्यान रखने में और आगे बढ़ने में सक्षम होना चाहिए और हमें यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि हमारे छात्र वैश्विक निगमों और सरकारों का समान रूप से हिस्सा बनते रहे । जैसे कि कहा गया है - परिवर्तन प्रणाली के भीतर से होना चाहिए, इसका हिस्सा बनकर, न कि प्रणाली से हटकर । यह भी ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है कि संगतता, उत्कृष्टता बनाए रखने की कुंजी है । यह तथ्य कि हम राष्ट्रीय रेंकिंग में # 1 हैं, वास्तव में आनंदित होने का समय है, लेकिन आराम करने का नहीं ।

सूक्ष्म मुद्दों पर भी समानांतर रूप से हमारा ध्यान होना चाहिए जो हमारे आसपास के समाज को प्रभावित करते हैं । ये स्थानीय स्तर पर या शायद सामुदायिक स्तर पर भी हो सकते हैं । हमें उन समस्याओं पर काम करने के लिए समय देना चाहिए और व्यवहार्य समाधान के साथ आना चाहिए । जिस समाज में हम काम करते हैं, उसे वापस देना एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक सिद्धांत है जिसे हम सभी को हर समय ध्यान में रखना चाहिए । मैं संगत स्थानीय मुद्दों की ओर अधिक ध्यान हेतु प्रतिबद्ध हूँ जिसकी मैं पुनः पुष्टि करता हूँ ।

अंत में, मैं एक बार फिर से इस महान अधिगम केंद्र में आपका स्वागत करता हूँ जहां दुनिया समाहित है । आइए हम सभी भविष्य की ओर देखते हुए आईआईटी मद्रास की मशाल को ऊंचा उठाए रखें ।

प्रो. वी. कामकोटि